अपने संबोधन के दौरान, प्रधान मंत्री ने गुलाम नबी आज़ाद की प्रशंसा की। एक आतंकवादी घटना का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि आजाद उस समय अपने परिवार के सदस्यों की तरह फंसे हुए लोगों के बारे में कैसे चिंतित थे। इतना ही नहीं बल्कि उसके बाद रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी उनकी मदद की।
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गुलाम नबी की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब गुलाम नबी जी मुख्यमंत्री थे, तब मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था।हम बहुत करीब थे। एक बार जब गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला किया, तो वहां 8 लोगों की मौत हो गई। मुझे सबसे पहले गुलाम नबी जी का फोन आया। उसके आंसू नहीं रुक रहे थे। गुलाम नबी जी इस घटना की लगातार निगरानी कर रहे थे। वे उसके बारे में चिंतित थे जैसे कि वे उसके परिवार के सदस्य थे।
मैं आज़ाद के प्रयासों और प्रणब मुखर्जी के प्रयासों को कभी नहीं भूलूंगा। प्रणब मुखर्जी उस समय रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। वहीं गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे।
#WATCH: PM Modi gets emotional while reminiscing an incident involving Congress leader Ghulam Nabi Azad, during farewell to retiring members in Rajya Sabha. pic.twitter.com/vXqzqAVXFT
— ANI (@ANI) February 9, 2021
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प्रधानमंत्री मोदी राज्यसभा में गुलाम नबी आज़ाद के योगदान का उल्लेख करते हुए भावुक हो गए। एक आतंकवादी हमले और गुलाम नबी आज़ाद से मिले समर्थन को याद करते हुए, प्रधानमंत्री इतने भावुक थे कि उन्होंने बोलना बंद कर दिया। उसने अपने आंसू पोंछ लिए। फिर टेबल पर रखे एक गिलास से पानी पिया और सॉरी कहा। इसके बाद, उन्होंने फिर से अपना संबोधन शुरू किया।
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इस बीच एनडीए के सहयोगी और मोदी सरकार में मंत्री रामदास आठवले ने अपने चिर-परिचित अंदाज में एक कविता के जरिये उन्हें राजनीतिक निमंत्रण भी दे दिया, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और राज्यसभा सांसद रामदास आठवले ने गुलाम नबी को लेकर एक कविता पढ़ी।
"राज्यसभा छोड़कर जा रहे गुलाम नबी।
हम मिलते रहेंगे आपको कभी-कभी।।
आपका नाम है गुलाम, इसलिए मैं करता हूं आपको सलाम।
आपका नाम है गुलाम, आप हमेशा रहे आजाद।।
आप हम सभी को रहे याद।
15 अगस्त को भारत हुआ आजाद।।
लेकिन राज्यसभा से आज आप हो रहे आजाद।
आप हमेशा रहो आजाद।।
हम रहेंगे आपके साथ।
ये अंदर की है बात।।
मोदी जी जम्मू-कश्मीर का मजबूत करेंगे हाथ।
और आपको देते रहेंगे साथ।।"
गुलाम नबी आज़ाद की आखों में भी आए आंसू
इसके बाद, जब गुलाम नबी आज़ाद बोलने की बारी आई, तो उन्होंने कहा कि 'मैं भाग्यशाली हूं कि पाकिस्तान नहीं गया और मुझे अपने भारतीय मुस्लिम होने पर गर्व है।' उन्होंने यह भी कहा कि समाज में व्याप्त बुराइयाँ भारतीय मुसलमानों में नहीं हैं। इस दौरान वह जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए भावुक भी हो गए। इस घटना का ही जिक्र पीएम मोदी ने भी किया था।
गुलाम नबी ने कहा, "हम पिछले 30-35 वर्षों से तालिबान और अफगानिस्तान जैसे देशों को भी देख रहे हैं। दुनिया में कई देश हैं जो आपस में लड़ रहे हैं। वहां कोई हिंदू या ईसाई नहीं हैं, मुसलमान अभी भी आपस में लड़ रहे हैं। जो समाज में बुराई है, आज हम गौरव से यह कह सकते हैं कि हमारे देश के मुसलमानों में वह बुराईयां नहीं हैं, लेकिन यहां बहुसंख्यक समुदाय को भी दो कदम आगे आने की जरूरत है''
बता दें कि गुलाम नबी आजाद वर्ष 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे थे। वे लगभग 41 वर्षों से संसदीय राजनीति में हैं। वह 2014 से राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। वह पांच बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा सांसद रहे। आजाद के साथ ही भाजपा के शमशेर सिंह मन्हास, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद लावल का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। गुलाम नमी आजाद और नजीर अहमद का कार्यकाल 15 फरवरी को पूरा हो रहा है और मन्हास और मीर फैयाज का कार्यकाल 10 फरवरी को पूरा हो रहा है
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