आजकल देश के युवाओं को हर चीज में आजादी चाहिए, ऐसा नहीं है कि उन्हें आजादी नहीं है उन्हें हर चीज की आजादी है तो सही, रहने की आजादी है, घुमने-फिरने की आजादी है, यंहा तक बोलने और उन्हें अपने मन की करने की भी आजादी है, लेकिन देश में भटके हुए कुछ ऐसे नौजवान भी है जिन्हें आजादी चाहिए देश तोडने की, देशद्रोही नारे लगाने की, राजनीति करने की...
लेकिन आज की रिपोर्ट में हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताएगें जिसे भी आजादी चाहिए लेकिन सिर्फ भारत में रहने की, उस शख्स को आजादी चाहिए इस देश के लिए कुछ कर गुजरने की,
आपने अक्सर देखा होगा कि जब किसी को विदेशों से नौकरी के ऑफर आने लगे तो उसे बहुत कम लोग होते है जो उसे ठुकराते है.. और सोचिए जिस शख्स की कहानी हम आपको बताने जा रहे है उसे तो नासा अब तक तीन ऑफर दे चुका है इतना ही नहीं जब नासा की बात नहीं बनी तो उसने अपने देश के राष्ट्रपति तक से अप्रोच लगवा दी, जी हां आप सही सोच रहे है अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प भी उस शख्स को नासा में नौकरी करने के लिए अप्रोच कर चुके है, लेकिन ये शख्स ऐसा है कि इसका भारत प्रेम छुट नही रहा...
चलिए संस्पेंस खत्म करते है और आपको बताते है आखिर कौन है वो शख्स जो देशप्रेम के रंग में इतना रंगा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति भी उसके देश प्रेम को नहीं तोड़ पाये।
गोपाल जी ने मॉडल हाईस्कूल तुलसीपुर से बारहवीं तक की पढ़ाई की। 2013-14 में बनाना बायो सेल के आविष्कार के लिए उन्हें इंस्पायर्ड अवार्ड मिला। तब दसवीं कक्षा में थे। गोपाल जी फिलहाल देहरादून के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट के लैब में टेस्टिंग कर रहे हैं।
लेकिन गोपाल जी का ये सफर इतना आसान नहीं रहा, 2008 में उनके गांव में बाढ़ आई। सब कुछ बर्बाद हो गया। उनके पिता प्रेमरंजन कुंबर जो किसान है, उन्होनें भी अपने बेटे से कहा कि अब नही पढ़ा संकूगा। लेकिन गोपाल जी हिम्मत नहीं हारी और ऐसा कुछ करने का सोचा जिससे स्कॉरशिप मिले और आगे की पढ़ाई पूरी कर सकें।
31 अगस्त 2017 को गोपाल जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उन्हें एनआईएफ, अहमदाबाद भेजा। यहां से उनकी दुनिया ही बदल गई। उन्होंने यहां छह आविष्कार किए। आज इसी की बदौलत उनका नाम दुनिया के 30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में है। इसी साल अप्रैल में अबू धाबी में दुनिया का सबसे बड़ा साइंस फेयर होने वाला है। इसमें पूरी दुनिया से 6 हजार साइंटिस्ट शामिल होंगे। बिहार का ये लाल गोपाल इसमें चीफ स्पीकर होंगा,
अब आप ये सोचिए आपको गर्व किस पर करना है, उन लोगों पर जो आए दिन देश तोडने की बातें करते है और पता नहीं कौनसी आजादी मांगते रहते है या फिर इस गोपाल पर जिसमें अपनी परिस्थियों की परवाह किये बिना आज अमेरिका के राष्ट्रपति को भी सामने झूकने को मजबूर कर दिया।
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