दिल्ली
हिंसा के पीडितों के साथ जो हुआ है उसे भुला पाना संभव नहीं है, और जिसने इन दंगों
में अपनों को खोया उनके लिए तो ये बिल्कुल भी आसान नहीं है..ऐसे में इन दिनों
दिल्ली हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर एक विडियो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, इस विडियो में दावा किया गया कि दंगा भड़काने और पत्थर
मारने के लिए पैसे बांटे गए हैं, इसका सबूत ये वीडियो है, वीडियो में महिलाओं की भीड़ है और एक आदमी एक-एक
कर के सभी के हाथ में नोट जैसी कुछ चीज़ दे रहा है...पहले आप ये विडियो देख लिजिए
फिर आपको इसकी सच्चाई से रूबरू करवाते है...
ये विडियो देखने के बाद संभव है कि आपको भी ऐसा ही लग रहा हो कि लोगो को पैसे बांटे जा रहे है और ये सच भी है, लेकिन पैसे किस चीज के लिए बांटे जा रहे है ये सच बताया है एक फेक न्यूज का पर्दाफाश करने वाली बेवसाइट Alt news ने...
सोशल मीडिया पर ये विडियो खुब वायरल हो रहा है और लोग इस पर
अलग-अलग तरह से रिएक्ट कर रहे है कई युजर्स तो अभ्रद भाषा का इस्तेमाल कर रहे है,
कई युजर्स इसे शाहीन बाग का वीडियो बताकर शेयर कर रहे, तो कई इस वीडियो को लेकर
मुस्लिम समुदाय पर हमला बोल रहे है।
फ्रॉड न्यूज की जांच करने
वाली बेवसाइट आल्ट न्यूज के मुताबिक ये वीडियो 28 फरवरी का है और वीडियो में जो
जगह दिख रही है वो दिल्ली के बाबू नगर, ए ब्लॉक, गली नंबर 9 के नाम से जानी जाती है, शिव विहार से
बहुत से लोग, जो दंगो से प्रभावित हुए थे, यहां आए हुए थे, उनमें से बहुत से लोग अब यहीं रह रहे हैं क्योंकि इन लोगों
का अपना घर बर्बाद हो चुका है, यहां के स्थानीय लोगों ने इन पीड़ित लोगों के लिए अपने
घरों के दरवाज़े खोल दिए हैं”
बताया जा रहा कि स्थानीय लोगों ने दिल्ली हिंसा
में पीडितों की मदद की है और ये वीडियो भी उसी का है इसके साथ ही पीड़ितों को राशन भी बांटा, क्यूंकि पीड़ितों की संख्या
काफ़ी ज़्यादा थी इसलिए राशन ख़त्म हो गया, तो “स्थानीय निवासी शहज़ाद मलिक ने 500 रूपये करके सभी
पीड़ितों को दिया, इस तरह शहजाद मलिक ने दिल्ली हिंसा में पीडितों की मदद के लिए 70
हजार रूपये बांटे थे। वायरल वीडियो पर शहजाद मलिक ने बेवसाइट को बताया कि ऐसे लोग जिन्हें अच्छाई नहीं दिखती है और कुछ
अच्छा नहीं कर सकते, वही झूठ फैलाते,
शहजाद मलिक ने बेवसाइट को
बताया कि “ वह कार पॉलिश का बिज़नेस करता है, उन्होनें बताया कि यहां जो मुसलमानों के
घरों में आग लगी थी, जिनका घर जलकर राख हो गया है… एक गाड़ी के अंदर राशन कहीं से आया था, … तो वो राशन
हमने बांट दिया, इसके बाद 100-150 औरतें भी थीं जिनके पास खाने-पीने
का कुछ भी नहीं था, उनके साथ बच्चे भी थे, तो उनसे देखा नहीं
गया, तो वे घर जाकर पैसे ले आये और सबको 500-500 रूपये बांट दिये।
मलिक ने कहा कि किसी ने
वीडियो शूट करके उसको गलत फैला दिया कि 500 रुपये जो
दिए हैं, ये शाहीन बाग़ की औरतों को दिए हैं, ये वीडियो 28
तारीख की है, दंगे 24-25-26 को हुए थे और मदद 28
तारीख को की थी, वो वीडियो 30 सेकंड की काटी
है लेकिन मेरा जो वीडियो है, वो 3 मिनट
का है, और बाद में मैंने ये भी बोला है कि जिन व्यक्ति को ज़रूरत हो वही लेना,लेकिन
ये काट दिया गया।
CAA के विरोध
में पिछले तीन महिने से प्रर्दशन हो रहे है इस दौरान कई बार ऐसे वीडियो सामने आये दावे
किये गये जिसमें लोगों को पैसे दिये जा रहे थे, कई लोगों और नेताओं, के दावे किये
कि ये पैसे सीएए प्रोटेस्ट के लिए दिये जा रहे है
लेकिन कोई ऐसी ठोस चीज या
सबूत नहीं मिला जिससे ये माना जा सकें कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए
महिलाओं और बच्चों को पैसे दिये जा रहे है। इसलिए सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हर
चीज जरूरी नहीं होती कि वो सही हो, इसलिए आपको ये जरूर जांच लेना चाहिए कि आपके पास
सोशल माध्यम के माध्यम से जो चीजें आपके पास आ रही है वो सही है या गलत....
हमारी ये रिपोर्ट आपको कैसी
लगी कमेंट सेक्शन में जरूर बताए..
#दिल्लीहिंसा #मुस्लिममहिलाएं #फेकन्यूज #हिंसा #सीएए #एनआसी #एनआरसीप्रोस्टेट #DelhiViolence
#CAA #CAA_NRC #CAA_protest #Violence