- भारत में दिल्ली से लगी सीमाओं पर कुछ किसानों ने टे्रक्टर रैली निकाली। अनेक किसान 43 दिनों से धरने पर बैठे हैं।
इधर भारत में देश की राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राज मार्गों पर 7 जनवरी को कुछ किसानों ने ट्रेक्टर रैली निकाली। किसानों के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह टेलर है, असली फिल्म 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में देखने को मिलेगी।
26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रेक्टर परेड किसानों ने घोषणा कर रखी है कि 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रेक्टर परेड होगी। अनेक किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 43 दिनों से धरना दे रहे हैं। किसान चाहते हैं कि उन तीन कृषि कानूनों को रद्द किया जाए, जिन्हें संसद में स्वीकृत किया गया है।
इन कानूनों को लेकर किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के मंत्रियों के बीच सात दौर की बातचीत हो चुकी है। कई मुद्दों पर सहमति भी बनी है, लेकिन किसानों के प्रतिनिधियों की जिद है कि कानूनों को रद्द किया जाए। जबकि देश के अनेक किसान संगठन कृषि कानूनों को आम किसान के हित में बता रहे हैं।
किसानों के आंदोलन को लगभग सभी विपक्षी पार्टियों का खुला समर्थन किसानों के आंदोलन को उन राजनीतिक दलों का खुला समर्थन है, जो वर्ष 2014 व 2019 में लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं। इनमें कांग्रेस, वामदल, सपा आदि शामिल हैं। कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो स्वयं एक दिवसीय धरना भी दे चुके हैं, जबकि दूसरे कांग्रेस शासित प्रदेश पंजाब की धरना स्थल पर भीड़ जुटाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है।
कृषि कानूनों को लेकर कुछ किसानों की अपनी जिद कृषि कानूनों को लेकर कुछ किसानों की अपनी जिद है, लेकिन कानूनों को लोकतांत्रिक तरीके से मंजूर किया गया है। देश में 545 लोकसभा सांसदों में से अकेले भाजपा के 303 सांसद हैँ और समर्थक दलों के सांसदों की संख्या 50 है। यानि 545 में 350 से भी ज्यादा सांसद कृषि कानूनों के पक्ष में हैं, लेकिन फिर भी कुछ राजनीतिक दल कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
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