दिल्ली देश में पहला राज्य होगा, जिसमें कोरोना का टीका लगवाने के लिए पहले चरण के पात्र व्यक्तियों की सूची बना ली है। 24 दिसम्बर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि पहले चरण में चिकित्सा कर्मियों के साथ साथ 50 वर्ष से अधिक उम्र तथा डायबिटीज़, हृदय रोग, ब्लडप्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को टीका लगाया जाएगा। दिल्ली में ऐसे 51 लाख व्यक्तियों की सूची तैयार कर ली गई है।
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केन्द्र सरकार से दवा के डोज मिलते ही पात्र व्यक्तियों की मोबाइल पर सूचना दे दी जाएगी। यह बताया जाएगा कि किस स्थान पर टीका लगेगा। एक व्यक्ति को दो बार टीका लगवाने के लिए निर्धारित स्थान पर आना होगा। केजरीवाल के आत्म विश्वास से लग रहा था कि दिल्ली सरकार ने पूरी तैयार कर ली है। लेकिन सवाल उठता है दिल्ली से सटे राजस्थान में टीका लगाने की कितनी तैयारी है? कोरोना के मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घोषणाएँ करने में सबसे आगे रहे हैं। चाहे लॉकडाउन हो, शिक्षण संस्थाएं बंद करनी हो, रात्रि कालीन कर्फ्यू लगाना हो, ऐसी सभी घोषणा सीएम गहलोत ने सबसे पहले की। क्या पात्र व्यक्तियों की सूची बन गई है? दीपावली के पर्व पर पटाखों पर रोक भी लगाई। केन्द्र सरकार को सलाह देने में भी सीएम गहलोत पीछे नहीं रहते हैं। हालांकि राजस्थान में भी जिला स्तर पर टीके लगवाने के लिए प्रशासनिक बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या पात्र व्यक्तियों की सूची बन गई है? क्या ऐसे पात्र व्यक्तियों के मोबाइल नम्बर सरकार के पास हैं? जब 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों को भी पहले चरण में टीका लगेगा तो फिर सरकार के पास ऐसे व्यक्तियों की सूची भी होनी चाहिए।
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क्या सरकार के पास डायबिटीज, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर जैसे रोगियों की सूची भी तैयार है?
राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ सचिव सिद्धार्थ महाजन का कहना है कि पहले चरण में 1 करोड़ 65 लाख व्यक्तियों को टीका लगाया जाएगा।
यानि 3 करोड़ 30 लाख इंजेक्शन सुरक्षित रखने की व्यवस्था सरकार के पास होनी चाहिए। कहा जा रहा है कि केन्द्र सरकार से इंजेक्शन की पहली खेप अब कभी भी राज्य सरकारों को मिल सकती है।
टीका लगाने के बाद कुछ व्यक्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है
ऐसे में राजस्थान में पात्र व्यक्तियों की सूची और स्टोरेज की व्यवस्था को देखने की जरुरत है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि टीका लगाने के बाद कुछ व्यक्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे व्यक्तियों को तत्काल इलाज चाहिए।
क्या राजस्थान में तत्काल इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है? सरकार को यह भी बताना होगा कि टीका लगवाने से पहले और बाद में क्या क्या सावधानियां बरतनी है। अभी यह भी पता नहीं की सरकार किन व्यक्तियों को नि:शुल्क टीका लगाएगी? इंजेक्शन के शुल्क को लेकर देशभर में अभी तक भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

