राष्ट्रपति से मिलने जा रहे प्रियंका गांधी व अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालाकि पुलिस ने थोड़ी देर बाद उन्हें छोड़ दिया।
ये नेता राहुल गांधी की अगुवाई में राष्ट्रपति से मिलने जा रहे थे और उन्हें 2 करोड़ हस्ताक्षर वाला दस्तावेज सौंपना चाहते थे, जिसमें लोगों ने कृषि बिल के खिलाफ हस्ताक्षर किए हैं।
हिरासत में लिए जाने पर प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ये जनता के चुने हुए सांसद हैं जिन्हें राष्ट्रपति से मिलने का हक है। सरकार लाखों किसानों की आवाज दबा रही है।
"मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं" - राहुल गांधी
वहीं राष्ट्रपति से मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'राष्ट्रपति से हमने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं और इनसे किसानों, मज़दूरों का नुकसान होने वाला है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मज़दूर घर चले जाएंगे।'
'मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना के बारे में बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी। आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मज़दूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती।'
अन्नदाता की आवाज को सुनना सरकार की जिम्मेदारी
प्रियंका ने कहा, सरकार सिर्फ 5 साल के लिए या 6 साल के लिये नहीं चल सकती, अगर आप विपक्ष को हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे। अन्नदाता की आवाज को सुनना सरकार की जिम्मेदारी है। किसानों की मांगों को सुन कर ही किसानों की समस्या का हल निकालेगा।

