जमीनी विवाद में अपने ही भतीजे की जला दी दुकान, चाचा-चाची ने दी धमकी अब तेरी बारी...

Savan Kumar
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थोड़ी देर के लिए आप ये सोचिए की आप घर में अकेले कमाने वाले है उस कमाई का जरिया है एक छोटी सी दुकान, जिस पर गुटखा, पान बेचकर अपना घर चलाते है खासतौर पर उस समय जब कोरोना महामारी का प्रकोप सिर पर है, लेकिन अचानक एक दिन रात को आपके पास खबर आए आय़े कि आपकी दुकान जल कर राख हो गई है तो यकिनन आप अपने होश गवां बैठेंगे...

ऐसा ही हुआ है जयुपर के मानसरोवर के रहने वाले सुर्यप्रकाश भारद्वाज के साथ...सुर्यप्रकाश के ऊपर अपने परिवार की जिम्मेदारी है घर में मां-बाप, तीन भाई और एक बहन है मां-बाप की उम्र इतनी है कि वो कमाने नहीं जा सकते सुर्यप्रकाश के एक छोटे भाई अभी छोटी-मोटी नौकरी कर रहे जिससे खुद का खर्चा नहीं निकाल पाते, जबकि एक छोटा भाई और बहिन अभी पढ़ाई ही कर रहे है, ऐसे में एक बड़े परिवार की जिम्मेदारी सुर्यप्रकाश पर ही थी लेकिन उनके दुश्मनों को ये भी रास नहीं आया और उनसे कमाई का एकमात्र जरिया भी छीन लिया।

मानसरोवर के वीटी रोड पर एक छोटी-सी गुटखे-पान की दुकान को बदमाशों ने जलाया

सुर्यप्रकाश की मानसरोवर के वीटी रोड पर एक छोटी-सी गुटखे-पान की दुकान थी, जिस पर 19 नवंबर की रात 4 बदमाश आये थे, बदमाश सुर्यप्रकाश की साथ मारपीट करने लगे और उसके सिर पर डंडा भी मारा जिससे उन्हें थोड़ी चोट भी आयी। इसके बाद आसपास के लोगों का विरोध देख वो भाग गए, सुर्यप्रकाश ने डर के चलते पुलिस में शिकायत नहीं कराई, महज कुछ घंटे गुजरे होगें की 22 और 23 नवंबर की रात सुर्यप्रकाश के पास खबर आयी कि आपकी दुकान जलकर खाक हो गई है, ये सुनकर कुछ देर के लिए तो वे सुन्न रह गये, उनके होश उड़ गये, आखिरकार उनके और उनके परिवार की रोजी-रोटी का जो जरिया तो वो अब खत्म हो चुका था।

जैसे-तैसे करके वो अपनी दुकान पर पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी दुकान जलकर खाक हो चुकी थी, दुकान जली, परिवार की रोजी-रोटी का जरिया छीन गया और नुकसान हुआ सो अलग, 

ये है पुरा मामला

सुर्यप्रकाश के भाई संजय भारद्वाज ने बताया कि ये दुकान उन्ही के नाम पर थी, और दिवाली से पहले पेटीएम बिजनेस से 1 लाख का लोन लेकर दुकान में सामान डलवाया था, उनका कहना है कि दुकान जलने से उनको करीब डेढ़ से दो लाख रूपये का नुकसान हुआ है साथ ही जो लोन लिया उसको चुकाना भी मुश्किल है, संजय ने बताया कि उनका ऐसे तो कोई दुश्मन नहीं है लेकिन जमीन विवाद को लेकर दिवाली के दूसरे दिन उनके चाचा-चाची के साथ झगड़ा हुआ था, और 19 तारीख को जो लोग उनके भाई को दुकान पर मारने आये थे उनके पास जो गाड़ी थी वो भी उनकी चाचा वेदप्रकाश शर्मा और चाची राधा शर्मा की ही थी। 


चाचा-चाची ने उन्हें धमकी भी दी है कि अभी तो उनकी दुकान जलाई है वे उन्हें व उनके परिवार को भी नहीं छोड़ेंगे। सुर्यप्रकाश ने मानसरोवर के शिप्रापथ थाने में चाचा-चाची के खिलाफ एफआईआर भी करवाई है साथ ही जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई भी उनके चाचा-चाची से की जाए ये भी कहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही। 

समाज में ऐसे अपराध बर्दाश्त नहीं

समाज में सक्रीर्ण होती मानसिकता और इस तरह के क्राइम आज परिवार के लोग ही अपने पूरे परिवार के दुश्मन बने हुए है। ऐसे अपराधों ने जो कभी अपने हुआ करते थे सुख-दुख में एक परिवार ही तो काम आता है लेकिन अब ऐसे लोग उन्हीं से सुरक्षित रहने को मजबूर कर रहे है। 

विवाद चाहे छोटा हो या बड़ा, विवाद चाहे घर का हो या बाहर का, विवाद चाहे जमीन जायदाद का हो या बिजनेस का लेकिन अपने ही लोगों के साथ ऐसी क्रुरता बर्दाश्त के बाहर है। 


Tags: Travel, History

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