गुरुवार और शुक्रवार को पंजाब के अलावा, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, केरल और उत्तर प्रदेश के किसान भी विरोध और मार्च करने जा रहे हैं। इस बीच, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोनावायरस के कारण दिल्ली में किसी भी संगठन को मार्च, विरोध या रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इन कानूनों का हो रहा है विरोध सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून बनाए है, (1) किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम; (2) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम के किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण), (3) समझौते और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम अधिनियमित किए गए थे।
इनही के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीने से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार एमएसपी को हटाने जा रही है, जबकि खुद प्रधानमंत्री ने इससे इनकार किया है।
कानून के अलावा, बिजली बिल 2020 को भी वापस लेने की मांग कर रहे
आंदोलनकारी किसान संगठन केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों की शिकायत है कि नए कानून से कृषि क्षेत्र भी पूंजीपतियों या कॉरपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा और किसानों को नुकसान होगा।
आंदोलन कर रहे तीन नए किसान कानून को निरस्त करने के अलावा, किसानों की मांग है कि बिजली बिल 2020 को भी वापस लिया जाए।

