मंगलवार (27 Oct. 2020) को भारत-अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ जिसका नाम है बेका (Basic Exchange and Cooperation Agreement)...
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो (Mike Pompeo) और रक्षा मंत्री माइक एस्पर (Mike Espar) भारत दौरे पर रहे इस दौरान वे भारत में अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस.जयशंकर (S. Jayashankar) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मिले, दोनों देशों के बीच इस दौरान करीब 4 समझौते हुए। जिसमें 'बेका' अंतिम है। इससे दोनों देशों के बीच रसद और सैन्य सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
सैन्य सूचना की सुरक्षा के लिए 2002 में पहला समझौता किया गया था। इसके बाद, 2016 और 2018 में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जो रसद और सुरक्षित संचार से संबंधित थे।
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नवीनतम समझौता भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच भू-स्थानिक सहयोग है। इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, रक्षा सूचना साझाकरण, सैन्य वार्ता और रक्षा व्यापार समझौतों में सहयोग शामिल है।
इस समझौते पर हस्ताक्षर करने का मतलब है कि भारत को अमेरिका से सटीक भू-स्थानिक/भू-स्थानिक डेटा मिलेगा, जो सैन्य कार्रवाई में बेहद प्रभावी होगा।
हालांकि इससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा, लेकिन इस समझौते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि अमेरिकी उपग्रहों से एकत्रित जानकारी भारत के साथ साझा की जा सकती है।
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इसका रणनीतिक लाभ भारतीय मिसाइल प्रणाली को दिया जाएगा। इसके साथ ही भारत उन देशों की श्रेणी में भी शामिल हो जाएगा जिनकी मिसाइल एक हजार किलोमीटर तक की दूरी से सटीक निशाना लगा सकेंगी।
इसके अलावा, प्रिडेटर-बी जैसे सशस्त्र ड्रोन भारत से यूएसए को भी उपलब्ध होंगे। ये सशस्त्र ड्रोन दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने और उनका पता लगाने में सक्षम हैं।
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