अमेरिका के कारण भारत-ईरान (India-Iran) की सालों पुरानी दोस्ती में दरार तो आ चुकी है लेकिन भारत ईरान को किसी भी हालात में छोड़ना नहीं चाहता था, क्योंकि ईरान के बिना अफगानिस्तान में पाकिस्तान को टक्कर देना मुश्किल तो है ही साथ ही अफगानिस्तान (Afghanistan) में शांति की कोशिशे भी बेकार है। ईरान से दुरियों ने भारत को भले ही अमेरिका का समर्थन दिला दिया हो लेकिन सच्चाई यह है कि ईरान भी भारत की दोस्ती को तोड़ना नहीं चाहता, ईरान को मजबूरी में चीन की तरफ मुंह देखना पड़ रहा है क्योंकि अमेरिका (America) को वो अकेला टक्कर नहीं दे सकता, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि जिस तरह भारत की पाकिस्तान की नहीं बनती वैसे ही ईरान की भी पाकिस्तान से नही बनती।
लेकिन अफगानिस्तान में पाकिस्तान की हरकतों की जांच के लिए भारत को ईरान का समर्थन भी मिला है,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को रूस से सीधे ईरान पहुंचे। वहां उन्होंने ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर आमिर हातमी से मुलाकात की, दोनों ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के तरीकों के बारे में बात की, अफगानिस्तान में इस शांति के लिए पाकिस्तान सबसे बड़ी बाधा है, साथ ही पाकिस्तान और ईरान के संबंध भी बहुत अच्छे नहीं हैं। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय समझौतों पर हुई चर्चा ईरान यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्रालय के ट्विटर अकाउंट से लिखा गया था, 'दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत बहुत अच्छे माहौल में हुई। दोनों नेताओं ने सदियों पुराने सांस्कृतिक, भाषाई और सभ्यतागत संबंधों पर जोर देकर संबंध मजबूत करने की बात कही। रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय सहयोग को और आगे ले जाने पर जोर दिया, अफगानिस्तान में स्थिरता और शांति कैसे लाई जाए इस पर भी चर्चा हुई। अफगानिस्तान में शांति के प्रयासो पर हुई चर्चा बैठक के बाद, राजनाथ सिंह ने लिखा, 'तेहरान में ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर अमीर हातमी के साथ मेरी अच्छी मुलाकात हुई, हमने अफगानिस्तान सहित अन्य क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों के बारे में बात की, दोनों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर भी बात हुई।
Had a very fruitful meeting with Iranian defence minister Brigadier General Amir Hatami in Tehran. We discussed regional security issues including Afghanistan and the issues of bilateral cooperation . pic.twitter.com/8ZENfAgRPS
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 6, 2020
बता दें कि पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के जवाब में भारत ईरान के चाबहार पोर्ट को विकसित कर रहा है, ईरान के साथ भारत का व्यापार बढ़ा है, इस बंदरगाह के विकास के बाद, भारत रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ाने में भी सक्षम होगा, भारत के साथ हुए समझौते से ईरान भी लाभान्वित हुआ है।
SCO Summit से सीधे ईरान पहुंचे राजनाथ सिंह
कट्टर शिया देश होने के नाते पाकिस्तान के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं हैं, व्यापार संबंधों के मजबूत होने से भारी दबाव में ईरानी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी, इससे पहले राजनाथ सिंह शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन में हिस्सा लेने के लिए मास्को गए थे, राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री के साथ-साथ रूस से भी बात की।
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