Sweden Riots - कुछ दिनों पहले भारत के बेंगलुरु शहर में सोशल मीडिया पर पैंगम्बर मोहम्मद के विरोध में किसी पोस्ट को लेकर हिंसा हो गई थी, दंगाईयों ने थाने को आग लगाने की कोशिश की, 100 से अधिक पुलिस वालों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई, लेकिन यदि आप सोचते है कि ऐसा सिर्फ भारत में होता है तो ये सच नहीं है, स्वीडन से आयी तस्वीरें देखकर आप हैरान रह जाएंगे।
शनिवार 29 अगस्त को स्वीडन (Sweden) के एक शहर में इस्लाम विरोधी भावनाएं भड़काने के कारण भंयकर हिंसा हो गई, दरअसल, दक्षिण स्वीडन के माल्मो शहर (Malmo City) में 300 लोग इस्लाम विरोधी गतिविधियों का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए। बताया जा रहा कि इससे एक दिन पहले दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा कुरान की प्रति को जलाया गया था, जिसके विरोध में मुसलमान इकट्ठा हो गये, इसके बाद दंगा इस कदर भड़का कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पत्थर फेंके और कार के टायर में आग लगा दी इसके बाद आसमान में धुंआ का गुब्बार छा गया।
स्वीडन पुलिस का कहना है कि दिन में दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा स्वीडन के माल्मो शहर में कुरान की एक प्रति जला दी गई थी, जिसके बाद यह दंगा भड़का, पुलिस ने कहा कि अभी तक दंगें पर काबू नहीं पाया गया है और हम इस पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं।
बैठक की इजाजत नहीं देने से पाटी कार्यकर्ता थे नाराज
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, स्वीडन के राजनीतिक नेता रमसुस पालुदन को माल्मो में एक बैठक में भाग लेना था लेकिन प्रशासन से इसकी इजाजत नहीं मिली, इसके बाद समर्थकों ने इस्लाम विरोधी गतिविधियां कि, जिसके बाद दंगा भड़का है ,उन्हें स्वीडन के बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। जिन कार्यकर्ताओं ने कुरान को जलाया है उसी पाटी के नेता रैसमस पालुदन को दक्षिणी स्वीडिश शहर में नॉर्डिक देशों में 'इस्लामीकरण' के बारे में एक बैठक में भाग लेने वाले थे लेकिन प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया ताकि वे वंहा ना पहुंच सकें।
दक्षिणपंथी नेता के स्पीच देने पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का डर था स्वीडन में अधिकारियों ने कथित तौर पर माल्मो शहर में रमसुस पालुदन के आगमन के परिणामों पर आशंका जताते हुए उसे दो साल के लिए देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया, पुलिस के प्रवक्ता ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया एजेंसी को बताया कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों को संदेह था कि पार्टी के दूर के नेता अपने व्यवहार के अतिरिक्त डर के साथ देश के कानून का उल्लंघन करने जा रहे थे जो कि समाज के लिए खतरा पैदा करेगा।
सोशल मीडिया पर पहले भी देते रहे है हेट स्पीचHuge riots in Malmo, Sweden last night after Danish group “Stram Kurs” burned the Quran. I always fail to understand why only Muslim immigrants are involved in violence whereas other immigrants seek justice through law of the land. @arifaajakia @TarekFatah #SwedenRiots pic.twitter.com/jAexqHSUdF
— Himalayan Girl (@ChaoNmh) August 29, 2020
रसमस पलुदन को एक स्वीडिश कलाकार डैन पार्क द्वारा आमंत्रित किया गया था, जिन्हें पहले से ही इस क्षेत्र में जातीय समूहों के खिलाफ उकसाने का दोषी ठहराया गया है और कई मीडिया रिपोर्टों ने उन्हें 'उत्तेजक' के रूप में चित्रित किया है। इस्लामनोफोबिक वीडियो बनाने और उन्हें YouTube पर पोस्ट करने के लिए पलुदान कई बार नकारात्मक प्रकाश में भी आए हैं।
भले ही उन्होंने अपने हेट स्पीच ’को’ फ्री स्पीच ’के रूप में जस्टिफाई करना जारी रखा, लेकिन उन्हें जून में अपनी पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इस्लाम विरोधी वीडियो पोस्ट करने के बाद नस्लवाद के आरोपों में सबसे अधिक दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्हें तीन महीने की जेल की सजा सुनाई थी।
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