पहले बुरहान वानी, फिर जाकिर मूसा और अब रियाज नायकू...आगें

Savan Kumar
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हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर रियाज नायकू को भारतीय सेना ने एनकांउटर में ढेर कर दिया गया है। सेना ने कर्नल और मेजर समेत 8 जवानों की शहादत का बदला ले लिया है। 
पिछले सोमवार को जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो विदेशी आतंकी मारे गए थे, लेकिन इस एनकाउंटर में सेना के एक कर्नल और मेजर समेत 5 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद हंदवाड़ा में ही आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया था, जिसमें 3 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे।



रियाज नायक के एनकाउंटर के बाद इलाके में पत्थरबाजी शुरू हुई और सेना की गाड़ी को तोड़ दिया गया हालत बिगड़ने की आशंका के चलते प्रशासन ने घाटे में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है कई हिस्सों में कर्फ्यू भी लगाया गया है।

रियाज नायकू के ऊपर 12 लाख रुपये का इनाम है। उसने ही घाटी में पुलिसवालों का अपहरण करने की शुरुआत की थी। 2016 में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद वह घाटी में पोस्‍टर चेहरा बना हुआ था। 2017 में जाकिर मूसा की मौत के बाद हिजबुल का सरगना बना, रियाज नायकू ने कश्मीर में पुलिसवालों के साथ-साथ कई सरपंचों की भी हत्याएं करवाई थी।

रियाज नायकू को सुरक्षाबलों ने कई बार घेरा, लेकिन वह हर बार पत्थरबाजों की वजह से भागने में कामयाब हो गया। हालांकि इस बार सुरक्षाबलों को जैसे ही उसके बारे में जानकारी लगी तो रात के 11 बजे ही उसको पकड़ने के लिए ऑपरेशन चला दिया गया।

सेना को जानकारी मिली थी की रियाज नायकू रमजान के महीने में अपनी मां से मिलने बेगपोरा गांव में अपने घर आने वाला है सेना ने अपना ऑपरेशन शुरू किया, हालांकि सेना को पुख्ता जानकारी नहीं मिली कि वह ऑपरेशन के वक्त गांव में ही है तो उसने ऑपरेशन खत्म करने का फैसला किया। लेकिन उसके पास पुख्ता जानकारी आ गई कि रियाज नायक यहीं पर है इसके बाद सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया और जिसके बाद पूरे इलाके को खाली कराया और जिस घर में रियाज नायकू छुपा था उस घर को विस्फोट से उड़ा दिया गया।


हालांकि रियाज नायकू वहां से भी बच निकला और दूसरे घर में जाकर छुप गया, वहां से बच निकलने के लिए अंधाधुंध फायरिंग कर रहा था जहां पर सेना ने उसे ढेर कर दिया, बताया जा रहा है कि रियाज कश्मीर में आने जाने के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करता था लेकिन सेना ने पहले से ही पूरी तैयारी कर रखी थी और मंगलवार रात से ही 3 JCB से खुदाई शुरू कर दी, ताकि रियाज भाग ना सके, सेना ने सुरंगों को भी उड़ाने की तैयारी कर ली थी।

सेना के एक ऑपरेशन का वीडियो भी सामने आया है...

बताया जा रहा है कि नायकू एक प्राइ‌वेट स्कूल में मैथ्स का टीचर हुआ करता था, लेकिन 2012 में आतंकी संगठन में शामिल हो गया। 35 साल का नायकू कश्मीर में सबसे लंबे वक्त तक जिंदा रहने वाले आतंकियों में से एक था। वह करीब आठ साल से घाटी में एक्टिव था। 2017 में वह हिजबुल का कमांडर बना।

सेना के प्‍लान के तहत, बुधवार को नायकू को ढेर कर दिया गया। इस साल 6 मई तक कुल 68 आतंकी मारे गए हैं। इनमें 22 हिजबुल मुजाहिदीन के थे, आठ-आठ लश्‍कर और जैश से, तीन अंसार गजवत-उल-हिंद से, तीन आतंकी इस्‍लामिक स्‍टेट जम्‍मू-कश्‍मीर (ISJK) से थे। 24 आतंकियों की पहचान नहीं हो सकी। साल 2019 में कुल 156 आतंकियों को मार गिराया गया था।


Tags: Travel, History

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