फ्रांस के इन कार्यों के खिलाफ मुस्लिम देशों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच फ्रांस को इस्लामी आतंकवाद के मुद्दे पर भारत, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी बड़ी दुनिया की बड़ी शक्तियों का समर्थन मिला है। जिसके कारण इस मुद्दे पर टकराव की संभावना और बढ़ गई है। तुर्की के राष्ट्रपति ने की शुरूआत
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने खिलाफ दुनिया भर के मुस्लिम देशों को भड़काने की शुरूआत करते हुए कहा था, 'मैं अपने सभी नागरिकों और दुनिया भर के मुसलमानों को आह्वान कर रहा हूं'
वे कहते हैं कि फ्रांस में 'तुर्की के ब्रांडों की खरीद मत करो, मैं यहां से अपने सभी नागरिकों को फ्रांसीसी ब्रांडों की मदद करने या उन्हें नहीं खरीदने की अपील कर रहा हूं' मलेशिया के पूर्व पीएम ने तो मुसलमानों को फ्रांसीसियों को मारने का अधिकार बता दिया मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री और कट्टर मुस्लिम नेता महातिर मोहम्मद ने एक के बाद एक ट्वीट करके अपना गुस्सा निकाला, फ्रांस के खिलाफ जहर उगल दिया। उन्होनें एक ट्वीट में लिखा, “फ्रांस ने अपने इतिहास में लाखों लोगों की हत्या की है, जिनमें से कई मुस्लिम थे। इतिहास में किए गए नरसंहारों के लिए मुसलमानों को गुस्सा करने और लाखों फ्रांसीसी लोगों को मारने का अधिकार है।“
ट्विटर ने नियमों का उल्लंघन बताते हुए महातिर के इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। इसके बाद, महातिर मोहम्मद फिर से बदल गए और एक नया ट्वीट किया।
महातिर ने कहा, 'अभी तक मुस्लिमों ने आंख के बदले आंख करना शुरू नहीं किया है, मुस्लिम ऐसा नहीं करते हैं और फ्रांसीसियों को नहीं करना चाहिए, फ्रांसीसियों को अपने लोगों को दूसरे लोगों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाना चाहिए'
पाकिस्तान भला कहां पीछे रहने वाला था मलेशिया के पूर्व पीएम के साथ ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने फ्रांस में इस्लाम के नाम पर हिंसा को जायज ठहराते हुए बयान जारी किए हैं।
इमरान खान ने कहा, “मुसलमान जब देख रहे हैं कि उनके विश्वास और सबसे अजीज पैगंबर मोहम्मद साहब को निशाना बनाकर मुस्लिम समुदाय के साथ सरकारों की ओर से भेदभाव किया जा रहा है, उनको प्रभावहीन बनाया जा रहा है तो उनकी ओर से क्रोध में ऐसे घातक कदम उठाए जा रहे हैं जो दक्षिणपंथी ताकतों को हालात भडक़ाने में सहायता कर रहे हैं”

