South China Sea में भारत की मौजदूगी से घबराया चीन, गलवान घाटी विवाद के बाद भारत ने तुरंत युद्धपोत तैनात कर दिये थे

Savan Kumar
By -
0

 


इस साल मई से पूर्वी लद्दाख में भारत (India) और चीन (China) के बीच लगातार तनाव बना हुआ है, दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य-कूटनीतिक स्तर की वार्ता हुई है, ऐसे में भारत ने भी दक्षिण चीन सागर में अपने युद्धपोत को चुपचाप तैनात करते हुए, चीन को घेरने की रणनीति बनाई है।

साउथ चाइना सी (South China Sea) के करीब भारत की मौजूदगी वाकई हैरान कर देने वाली है क्योंकि इससे पहले भारत साउथ चाइना सी के मुद्दे से दूर ही रहा है, ऐसे में चीन इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना के जहाजों की मौजूदगी पर आपत्ति जता रहा है, जहां चीन कृत्रिम द्वीपों और सैन्य शक्ति से 2009 से लगातार अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है।

सरकारी सूत्रों ने कहा, जब गलवान घाटी (Galvan Valley) में दोनों देशों के सैनिकों की झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, उसी समय भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में अपने सीमावर्ती युद्धपोत को तैनात कर दिया था, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने दावा किया कि यह क्षेत्र चीन की सीमाओं के भीतर है और भारत की उपस्थिति को दुनिया में गलत तरीके से पेश कर रहा है। राजयनिक बातचीत में भारत के सामने चीन उठा चुका है मुद्दा  जानकारी के अनुसार, दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के जहाजों की तत्काल तैनाती का चीनी नौसेना और दक्षिण चीन में सुरक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ा है और राजनयिक स्तर की वार्ता के दौरान भारतीय युद्धपोत की उपस्थिति के बारे में चीन अधिकारियों ने भारतीय पक्ष से इसकी शिकायत की। भारतीय पक्ष के अनुसार भारतीय युद्धपोतों वहां मौजूद अमेरिकी युद्धपोतों के लगातार संपर्क में थे। गुप्त रूप से मिशन को दिया अंजाम भारतीय युद्धपोतों को दूसरे देशों से सैन्य जहाजों की आवाजाही के बारे में लगातार अपडेट किया जा रहा है, सूत्रों ने कहा भारत ने गुप्त रूप से पूरे मिशन को बहुत ही शानदार तरीके से अंजाम दिया गया है, भारतीय नौसेना अंडमान-निकोबार (Andaman and Nicobar) से मलक्का जलडमरूमध्य (Malacca Strait) में चीनी नौसेना की किसी भी गतिविधि पर कड़ी नजर रख रहा है। विरोधियों के दुस्साहस का जवाब देने में भारत पूरी तरह सक्षम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय नौसेना पूर्वी या पश्चिमी मोर्चे पर दुश्मनों द्वारा किसी भी दुस्साहस को समझने में पूरी तरह से सक्षम है और इस तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र में और उसके आसपास की उभरती परिस्थितियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद कर रही है। इसके अलावा, नौसेना जिबूती (Djibouti) क्षेत्र के आसपास चीनी जहाजों की निगरानी भी कर रही है, जबकि सूत्रों ने हाल ही में कहा कि नौसेना ने वायु सेना के एक महत्वपूर्ण आधार पर अपने मिग -29 K लड़ाकू जेट को भी तैनात किया है, जहां वे लगातार अभ्यास कर रहे हैं।
Tags: Travel, History

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!